Meaning of Ram Naa Satya Hai: हिंदू धर्म में पुरानी परंपराओं के आधार पर कई तरह की मान्यताएं होती है। हम हमेशा अपने किसी परिचित से मिलते समय ‘जय श्री राम’ कहते हैं। इसी प्रकार ऐसा माना जाता है कि जो तीन बार “राम नाम सत्य है” कहता है वह हजार बार किसी भगवान का नाम लेने जितना फल प्राप्त कर लेता है।
कहने को तो यह एक छोटा सा मंत्र है लेकिन इसका प्रभाव काफी ज्यादा अधिक बताया गया है। आपने अक्सर देखा होगा जब किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका उठावना किया जाता है तब ‘राम नाम सत्य है’ कहते हुए उसे मृत्यु धाम की तरफ ले जाया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है और इसके पीछे क्या कारण है आखिर राम नाम सत्य क्यों बोला जाता है?
“ राम नाम सत्य है” बोलने से क्या होता है?
जब भी अंतिम संस्कार के समय किसी मृत शरीर को मुक्तिधाम ले जाया जाता है तब हमेशा राम नाम सत्य कहकर लोग भगवान श्री राम का नाम लेते है। इस शब्द के माध्यम से लोग परिजनों को यह ज्ञात करवाते हैं कि यह शरीर नश्वर है। किसी के चले जाने के बाद आत्मा शरीर छोड़कर किसी और दूसरे शरीर में निवास कर जाती है और समय चक्र इसी तरह से चलता रहता है।
इंसान अपने साथ इस धरती से कुछ भी लेकर नहीं आया था और जाते वक्त भी वह कुछ भी लेकर नहीं जाता है। मृत्यु सिर्फ एक मुक्ति का उपाय है जिससे शरीर मोह माया के सभी बंधनों से छूट जाता है क्योंकि सच तो यह है कि आत्मा ना तो कभी जन्म लेती है और ना ही उसकी कभी मृत्यु होती है। इसी वजह से अंतिम संस्कार के समय “राम नाम सत्य है” बोला जाता है।
राम नाम क्यों?
क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आखिर अंतिम संस्कार के समय “राम नाम सत्य है” क्यों बोला जाता है? किसी और भगवान का नाम क्यों नहीं लिया जाता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के बाद परिजनों को मानसिक वेदना का सामना करना पड़ता है।
वह काफी दुखी हो जाते हैं क्योंकि अपने प्रिय जन को खोना हर किसी के लिए मृत्यु के बराबर ही होता है। ऐसे में जब राम नाम सत्य का जाप किया जाता है तो परिजन की वेदना कम हो जाती है और उनमें दुख सहने की शक्ति आ जाती है। इसके साथ ही उन्हें मानसिक शांति का अनुभव भी होता है।
आज के समय में किसी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन अंतिम संस्कार के समय पराया भी चला आता है। यह सब चीजें इस बात की तरफ इशारा करती है कि धरती पर जो कुछ भी है सब मोह माया है। एक दिन इंसान को तो खाली हाथ लौट जाना है।
आज के समय में मृत्यु के बाद लोग चिंता करने लगते हैं कि बंटवारे का क्या होगा। लेकिन उन्हें यह ध्यान ही नहीं आता है कि एक दिन वह भी इस संसार से बिल्कुल इसी तरह से चले जाएंगे।
इंसान जैसा कर्म करता है उसे वैसा फल भोगना ही पड़ता है। जब इंसान बुरे कर्म करता है तब उसे बार-बार धरती पर लाया जाता है और उसे हर बार धरती पर दुख भोगना पड़ता है। लेकिन एक बार जब वह संसार के नियमों को समझ लेता है तब वह कभी भी दुख से भयभीत नहीं होता है। राम नाम सत्य है का मतलब बिल्कुल यही है कि इस दुनिया में कुछ भी सत्य नहीं है सब कुछ एक मोह माया की तरह है और केवल राम नाम ही सत्य है। राम नाम सत्य इसलिए बोला जाता है क्योंकि परिवार जन के लिए अंतिम संस्कार का समय बहुत दुख की घड़ी होती है।