HomelifestyleSavan Vrat 2023: सावन मास में क्या करें क्या ना करें?

Savan Vrat 2023: सावन मास में क्या करें क्या ना करें?

Savan Vrat 2023: भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव को सावन मास काफी ज्यादा प्रिय होता हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव इस महीने अपने भक्तों को स्वयं दर्शन देते है। सबसे खास बात यह है कि इस बार सावन मास 2 महीने तक चलने वाले हैं। अगर आप चाहे तो भगवान शिव की उपासना करके अपने इस साल को और भी अधिक सुखमय बना सकते है।

आपने देखा होगा कि सावन मास के महीने में भगवान शिव की अधिक पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने का हर प्रयास किया जाता है। सावन मास पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है। अगर आप जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं या आपकी कोई मनोकामना है तो आप को भी सावन मास के महीने में भगवान शिव की आराधना जरूर करना चाहिए।

अगर आप इस महीने सोमवार का व्रत करते हैं तब आप निश्चित रूप से भगवान शिव की तपस्या का फल प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान शिव के व्रत में आपको किस बात का ध्यान रखना है और ऐसा क्या करना है जिससे नियम में रहकर कार्य को संपन्न किया जा सक।

सावन मास के महीने में आपको किन परंपराओं का पालन करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। किस चीज का सेवन करना चाहिए और किस चीज का सेवन नहीं करना चाहिए इस बारे में आज हम आपको विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

सावन मास के महीने में आपको भगवान भोलेनाथ की पूजा करना चाहिए। अगर आप सभी नियमों का पालन करते हैं तब आपको निश्चित रूप से परिणाम देखने को मिलते है। ध्यान रखिए सावन मास त्याग का दिन है। अगर आप कुछ चीजों का त्याग करते हैं तो उसका भी आपको निश्चित रूप से फल प्राप्त होता है।

ऐसा माना जाता है कि बाकी दिनों के मुकाबले सावन के समय शिव की भक्ति करने से भगवान शिव काफी ज्यादा प्रसन्न होते है। अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है तब आपको भगवान शिव की आराधना जरूर करना चाहिए। धन, संपत्ति, वैभव और खुशी प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की पूजा पाठ आपको जरूर करना चाहिए।

Savan Vrat 2023- सावन व्रत के नियम

अगर आप सावन मास में व्रत रखते हैं तब आपको व्रत से जुड़े सभी नियमों का पालन करना काफी जरूरी है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तब आपका व्रत पूरी तरह से संभव नहीं हो पाएगा। आपको हर बात का ध्यान रखना है कि आपको सावन मास के समय किन वस्तुओं को धारण करना चाहिए, क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

सावन के महीने में तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी ना करें। तामसिक से हमारा मतलब है कि लहसुन, प्याज से बने भोजन को आपको नजरअंदाज करना चाहिए।

सावन के महीने में आपको मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस महीने में आपको मूली या बैंगन जैसी सब्जियों को भी नहीं खाना चाहिए ऐसा शास्त्रों में बताया गया है।

सावन मास में आपको रात का बचा हुआ या बासी भोजन का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना है। साथ ही आपको शुद्ध सात्विक भोजन का ही सेवन करना है।

ध्यान रखिए कि आपने भोजन के लिए जो एक समय निश्चित कर रखा है आपको केवल उसी समय पर भोजन करना है। ऐसा बिल्कुल ना करें कि आपने सुबह भी भोजन किया और शाम को भी आप भोजन कर रहे है।

सावन मास के महीने में आपको दूध दही का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए या ऐसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए जिसके लिए पशु को हानि पहुंचाई गई हो। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके उपवास का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

आप किसी एक समय पर फलाहार का सेवन कर सकते हैं लेकिन पेट भरने के लिए ज्यादा फलों का सेवन ना करें

अगर आप बताए गए सभी नियमों का पालन करते हैं तब जाकर आप भगवान शिव का व्रत रख सकते हैं। ध्यान रखिए तामसिक आहार का सेवन नहीं करना है साथ ही मदिरापान का भी सेवन आपको नहीं करना है। इसके अलावा आपको भूल कर भी ऐसि किसी चीज का सेवन नहीं करना है जिसके लिए पशु को हानि पहुंचाई गई है जिसमें दूध-दही भी आता है।

सावन मास में आपको क्या नहीं करना चाहिए?

सावन मास के समय आपको घर में किसी भी तरह की लड़ाई झगड़ा या कलह नहीं करना चाहिए। घर में जितना शांति होगी आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। आप घर में जितना अधिक मौन धारण कर सकते हैं आपको इसका प्रयास करना चाहिए।

सावन मास के महीने में आपको कुछ चीजों का त्याग भी करना जरूरी है जैसे आपको गलती से भी किसी प्राणी या वस्तु को लेकर क्रोध नहीं करना है। सावन महीने में आपको अपने क्रोध का पूरी तरह से त्याग कर देना है। अगर आपने केवल अपने क्रोध का भी त्याग कर दिया तो आपका व्रत सफल हो जाता है।

अगर आपके अंदर कोई दुर्गुण है या ये कहें कि आपके अंदर कोई बुरी आदत है तो आपको सावन मास के महीने में उन सभी बुरी आदतों का त्याग कर देना चाहिए। आपको ऐसा प्रण भी लेना चाहिए कि “मैं इस महीने अपनी सभी बुरी आदतों को त्याग दूंगा”

जैसे कि आप मांस मदिरा का सेवन करने के आदी हैं तब आपको भूल कर भी सावन के महीने में इसका सेवन नहीं करना है। ध्यान रखिए कि मांस मदिरा का सेवन करने से क्रोध बढ़ता है और आपको सावन महीने में क्रोध का पूर्ण रूप से त्याग करना है।

भगवान शिव को प्रसन्न कैसे करें?

अब सबसे जरूरी बात यह है कि आपको भगवान शिव की आराधना कैसे करनी है और किस तरह से आप भगवान शिव की भक्ति करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।

अगर आप सही मायने में भगवान शिव की भक्ति करना चाहते हैं तो सावन मास के महीने में आपको सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। अगर आप रोजाना सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं तब आपकी आराधना से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होंगे।

आपको नित्य प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने है साथ ही बिना किसी लोभ लालच के भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करनी है और उनकी पूजा पाठ करनी है।

रोजाना सुबह उठकर आपको भगवान शिव के मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। आप चाहे तो किसी पवित्र जगह पर जाकर या भगवान शिव के मंदिर जाकर भी मंत्र का जाप कर सकते है।

अगर आपने घर पर शिवलिंग की स्थापना की हुई है तब आपको रोजाना नहा धोकर भगवान शिव को जल का अभिषेक करना चाहिए।

भगवान शिव की पूजा कैसे करें?

जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा आराधना करना चाहते हैं उन्हें भगवान शिव को उन सभी चीज को समर्पित करना चाहिए जो उन्हें काफी अधिक प्रिय है। आप चाहे तो बेलपत्र, भांग, धतूरा, जल और कच्चा दूध समर्पित करके भगवान शिव का अभिषेक कर सकते है। इसके अलावा दूध, दही, घी और शहद के साथ ही शक्कर मिलाकर भी भगवान शिव अभिषेक कर सकते है।

आपको शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा अर्पित करना है और पूरे विधि विधान के साथ पूजा पाठ को संपन्न करना है। अगर आप पूजा में चावल का उपयोग कर रहे हैं तब ध्यान रखें कि चावल के दाने टूटे हुए नहीं होना चाहिए।

श्वेत पुष्प भगवान शिव को काफी ज्यादा प्रिय है। अगर आप श्वेत पुष्पों का उपयोग भगवान शिव की पूजा में करते हैं तब आप भगवान शिव को जरूर पसंद कर सकेंगे। इसके अलावा आपको भगवान शिव को फलों का भोग लगाना चाहिए।

अगर आप घर पर पूजा नहीं कर सकते हैं तब आपको भगवान शिव के मंदिर जाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। ये घर पर पूजा करने से भी ज्यादा श्रेष्ठ काम हो सकता है।

अगर आपके घर में शिवलिंग नहीं है तब आप मिट्टी के शिवलिंग बनाकर भी भगवान शिव की उपासना कर सकते है।

भगवान शिव को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

जब भी आप भगवान शिव की पूजा-आराधना करें तब आपको कुछ चीजों का ध्यान अवश्य रखना है जो कि आपको भगवान शिव को बिल्कुल भी अर्पित नहीं करना है। जैसे भगवान शिव की पूजा में हल्दी का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके अलावा आप कुमकुम का उपयोग भी भगवान शिव की पूजा में ना करें।

आपको भगवान शिव की पूजा करते समय ध्यान देना है कि आपको तुलसी के पत्ते भगवान शिव पर अर्पित नहीं करने है। अनजाने में कोई भी प्रयोग भगवान शिव की पूजा में आपको नहीं करना है।

शिव जी को कौन सा कलर पसंद है?

एक बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आप पुरुष हैं तब आप सफेद कपड़ा धारण करके शिव की पूजा कर सकते हैं। लेकिन अगर आप महिला हैं तो आप को सफेद वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए।

भगवान शिव की पूजा करते समय आपको रंग-बिरंगे कपड़े धारण करना चाहिए।

भगवान शिव की पूजा करते समय ऐसे कपड़े बिल्कुल भी धारण ना करें जिसमें किसी जानवर को नुकसान पहुंचाया गया हो या फिर आपको नीले या काले रंग के वस्त्र सावन के महीने में नहीं पहनना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान सावन का व्रत कैसे रखें?

पीरियड के दौरान भी महिला सावन सोमवार का व्रत रख सकती है। लेकिन एक बात का ध्यान आपको अवश्य रखना है कि आपको भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना है।

इसके अलावा आपको भगवान शिव की पूजा पाठ नहीं करना है। आपको केवल मानसिक रूप से भगवान शिव की आराधना करनी है साथ ही आपको भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना है।

सावन के महीने में क्या ना करें?

सावन के महीने में आपको क्रोध बिल्कुल भी नहीं करना है। साथ ही आपको किसी इंसान या पशु को अपशब्द नहीं कहना है। आपको मांस मदिरा पान का सेवन भूलकर भी इस दिन नहीं करना है। आपको सभी लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना है और आपको इस दिन ज्यादा से ज्यादा दान करने की जरूरत है। इसके अलावा आपको घर में कलेश या लड़ाई झगड़ा भी नहीं करना है।

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