Indonesia : हिंदू-बहुल रह चुके इंडोनेशिया देश में अब 87 फीसदी से ज्यादा लोग मुस्लिम धर्म को मानते हैं लेकिन इसके बाद भी इस देश में बहुत से मंदिर हैं | यहाँ ज्यादातर जगहो पर राम और शिव जी की पूजा होती है अभी भी यहाँ पर 70 के दशक से रामायण पर आधारित नृत्य नाटक चल रहा है, जो की विश्व के किसी देश में नहीं होता हैं |
G20 की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान (ASEAN) समिट के इंडोनेशिया गए थे , जहाँ उन्होंने एक बार फिर से सबके समक्ष वसुधैव कुटुंबकम की बात पर जोर दिया | गत वर्ष पीएम ने इंडोनेशियाई दौरे के समय एक खास मंदिर के दर्शन किए थे | यह मंदिर का नाम बाली स्थिति उलूवातु मंदिर हैं जो की काफी प्राचीन हैं | इस देश के बारे में कहा जाता हैं की यह मुस्लिम बहुल देश अभी भी इंडोनेशिया में हिंदू धर्म को बचाए रखने में बड़ा रोल निभा रही हैं |
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इंडोनेशिया में हिंदू आबादी कितनी
इंडोनेशिया देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुस्लिम आवादी वाला देश हैं लेकिन इसके बाद भी यहाँ के लोग हिन्दू धरम को मानते हैं और यहाँ की हिन्दू की संख्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही अहिं | वर्ष 2018 की जनगणना के समय यहाँ हिन्दुओं की संख्या 40 लाख थी जो वर्ष 2018 की जनगणना के समय बढकर साढ़े 46 लाख से ज्यादा हो चुकी हैं |
कितने हिंदू मंदिर हैं
इंडोनेशिया देश के हिन्दू आवादी पर दक्षिण भारत का प्रभाव दिखता हैं, खासकर यहाँ के मंदिरों पर | जो की हमारे देश भारत के दक्षिण के तर्ज पर ही बने हुए हैं | ऐसा माना जाता अहिं की इस देश में छोटे से लेकर बड़े सब मिलाकर हजार से लेकर डेढ़ हजार तक टेंपल्स बने हुए है जिसमे से सबसे ज्यादा मंदिर बाली और सुमात्रा में हैं | बाली में लगभग हर बड़ी हिंदू कॉलोनी में एक छोटा मंदिर है, जिसे संगाह कहा जाता हैं |
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कैसा है उलूवातु मंदिर
उलूवातु मंदिर तब बनाया गया था जब इस देश में मुस्लिम धर्म तेजी से फ़ैल रहा था | ऐसे में हिन्दू धर्म आबादी ने अपने प्रतीकों और मान्यताओं को बचाने के लिए कई मंदिर बनवाये, जिसमे से उलूवातु मुख्य माना जाता हैं | 11वीं सदी में वहां के हिंदू संन्यासी एंपू कतुरन ने इसका निर्माण करवाया था और यह संत पूरे बाली में खास रुतबा रखते थे | उन्ही के आदेश पर इस मंदिर में कई देवी-देवताओं की प्रतिमा रखी गई | यहाँ पर माँ सरस्वती देवी की भी पूजा होती थी और यह चलन अब भी बना हुआ हैं |
राम-सीता की छाप हर जगह
इंडोनेशिया देश में हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा माने जाने वाले देवता यहां श्रीराम हैं | यहाँ आपको हर जगह राम-सीमा का असर देखने को मिलता हैं, यहाँ तक की इस देश के कई इलाकों में रामायण के अवशेष और पत्थर तक की नक्काशी पर रामकथा के चित्र आसानी से मिल जाते हैं | इसके योग्यकार्ता शहर में रामायण बैले होता है अर्थात यहाँ एक तरह की नृत्य नाटिका है, जो रामायण पर आधारित है |
इस रामायण में हिंदुस्तान में प्रचिलित रामायण से कुछ पात्रों के नाम बदल दिए जाते हैं लेकिन सीता राम के नाम में कोई बदलाव नहीं होता | यहाँ उनका पूरा असर रहता हैं | वर्ष 1971 से शुरू हुए रामायण बैले जो की अब तक चली आ रही है, जिसके कारण इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल कर लिया गया हैं | इसे दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाली नृत्य नाटिका के तौर पर शामिल किया गया हैं |
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सारांश
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