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G-20 : क्या है जी-20, कौन सदस्य कैसे करता है काम और क्या है इसका लक्ष्य, जानें सबकुछ

G-20 : जी 20 की स्थापना साल 2008 में की गयी थी और इसकी प्रथम बैठक 14-15 नवंबर को अमेरिका का वाशिंगटन में हुआ था | इस वर्ष भारत जी 20 का 18वां सम्मेलन नई दिल्ली, भारत में होने जा रहा हैं | भारत देश में जी 20 देशों की बैठक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 8 से 10 सितंबर के बीच होने जा रही है, जिसको लेकर भारत देश में काफी लम्बे समय से तैयारी चल रही थी |

भारत में होने जा रही इस सम्मलेन में जहाँ एक तरफ रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस जी 20 सम्मेलन में नहीं आयेगे | उनकी जगह चीन की तरफ से इस सम्मेलन में वहां के प्रधानमंत्री को भेजा जा रहा है | ऐसे में यह सवाल आता हैं की आखिर ये जी 20 सम्मेलन क्या है ? और इसका आखिर क्या मकसद है?

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G-20

तो मैं आपको सबसे पहले यह बता दूँ की जी 20 का गठन किस तरह से किया गया ? सबसे पहले इसका नाम जी-7 ग्रुप होता था इसमें पहले 7 देशों का विस्तार था | यह सात देश हैं – कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन इसके सदस्य थे लेकिन रुस इस ग्रुप के साथ साल 1998 में जुड़ गया |

क्या है जी 20?

1999 से पहले एशिया कुछ सालों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा था जिसके बाद जर्मनी के बर्लिन में जी 8 की बैठक के दौरान जी 20 का गठन किया गया | वर्ष 2007 में ग्लोबल इकॉनोमिक क्राइसिस के बाद जी 20 फोरम को राष्ट्रप्रमुखों के स्तर का बना दिया गया | पहली बार इसकी बैठक अमेरिका में हुई जहाँ इस जी 20 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया के प्रमुख आर्थिक देशों का सम्मेलन, जहां सदस्य देशों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्तीय, व्यवसाय, निवेश और जलवायु परिवर्तन समेत जरूरी मुद्दों पर चर्चा करना था |

इसके अलावा दुनिया की जीडीपी में इसमें शामिल देशों की हिस्सेदारी करीब 85% है | इसके साथ ही साथ दुनिया का कुल 80% प्रोडक्शन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समूह में इसकी 75% हिस्सेदारी का हिस्सा हैं | इसकी बैठक हर साल नहीं होती हैं वर्ष 2008 के बाद 18वां सम्मेलन नई दिल्ली में होने जा रहा है |

G-20

क्या है जी 20 के पास शक्तियां

अगर अब हम जी20 के शक्ति की बात करें तो पाते हैं की संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इसके बाद कोई विधायी शक्ति नहीं है और न ही इसके सदस्य देशों के बीच उस फैसले को मानने की कोई कानूनी बाध्यता हैं | मुख्य रूप से जी 20 सदस्य देशों के बीच दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और उसको बढ़ावा देने पर इस सम्मलेन में चर्चा होती हैं |

इसके साथ ही इसमें रोजगार, एजुकेशन और खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने जैसे मुद्दों पर फैसले भी लिए जाते हैं | इस जी20 का कोई भी मुख्यालय या सचिवालय नहीं है | इसके अध्यक्ष का फैसला ट्रोइका से तय किया जाता है और हर सम्मेलन को वर्तमान, पिछले और भविष्य के राष्ट्राध्यक्षों के समर्थन से आयोजित किया जाताी है | अगर हम आसन भाषा में कहे तो इस बार ट्रोइका में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील देश शामिल हैं |

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सारांश 

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धन्यवाद !!!

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