Aditya L1 : आदित्य L 1 जो सूरज की यात्रा के लिए निकली हैं उसने अपनी यात्रा के दौरान सेल्फी ली हैं | इतनी ही नहीं बल्कि उसने एक ऐसी फोटो भी ली हैं जिसमे धरती और चन्द्रमा एक साथ दिख रहे हैं | वही दूसरी तरह चन्द्रमा पर जहाँ चंद्रयान 3 गया हुआ हैं वो भी 10 तारीख को उसकी तीसरी ऑर्बिट मैन्यूवरिंग होनी है और यह 18 सितम्बर तक धरती के चारों तरफ चक्कर लाग्येगा |
Aditya-L1 18 सितम्बर तक धरती के चारों तरफ चार बार अपनी ऑर्बिट बदलेगा | अगली ऑर्बिट मैन्यूवरिंग 10 सितंबर की रात को होगी | जब आदित्य L1 तह पहुंच जाएगा, तबवह हर दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा जिससे कि सूर्य की बड़े पैमाने पर स्टडी की जा सके | यह तस्वीर आदित्य में लगा विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) के द्वारा लिया जाएगा |
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इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य की पहली तस्वीर फरवरी महीने में देखने को मिलेगी | VELC को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया हैं जो की इसरो के सूर्य मिशन में लगा हुआ हैं और यह सूर्य की HD फोटो लेगा | Aditya-L1 धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा हैं ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह 15 लाख km की लंबी यात्रा को आसानी से पूरा कर सके |
सूर्य के लेवल 1 तक की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य के सारे पेलोड्स ऑन कर दिए जायेगे ताकि उसमे जितने भी यन्त्र लगे हुए हैंवो एक्टिव हो जाए और सूरज की स्टडी करना शुरू कर दें | लेकिन इसके बीच बीच में उनकी सलामती की जांच की जायेगी जिसके लिए उन्हें एक्टिव किया जा सकता हैं | ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि यह पता चल सके की सारे यन्त्र सही से कार्य कर रहे हैं या नहीं |
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5 साल का मिशन, उम्मीद ज्यादा की
इसरो के वैज्ञानिकों ने आदित्य-L1 मिशन 5 साल के लिए बनाया हैं लेकिन अगर इसके सभी यन्त्र सही रहते हैं तो यह 10 से 15 साल तक के लिए कार्य कर सकता हैं और सूर्य से सम्बंधित डाटा को भेज सकता हैं | लेकिन इसके लिए उसे सबसे पहले L1 पह पहुंचना जरूरी है | लैरेंज प्वाइंट अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी जगह है जो धरती और सूरज के बीच सीधी रेखा में पड़ती है और धरती से इसकी कुल दुरी 15 लाख किलोमीटर हैं |
जैसा की आपको पता ही होगा की सूरज और धरती की अपनी-अपनी ग्रैविटी है | L1 प्वाइंट पर ही इन दोनों की ग्रैविटी आपस में टकराती है या ऐसा कहे कि जहाँ से धरती की ग्रैविटी का असर खत्म होता है वहां से सूरज की ग्रैविटी का असर शुरू हो जाता हैं और इसी बीच के प्वाइंट को लैरेंज प्वाइंट (Lagrange Point) कहते हैं |धरती और सूरज के बीच ऐसे पांच लैंरेंज प्वाइंट हैं |
भारत के द्वारा भेजा गया आदित्य सूर्य मिशन लैरेंज प्वाइंट वन यानी L1 पर तैनात होगा | इसके स्पेसक्राफ्ट का ईंधन कम इस्तेमाल होता है और वह ज्याडा दिन काम करता हैं | L1 सूरज और धरती की सीधी रेखा के बीच स्थित है और यह सूर्य तथा धरती के बीच का कुल दूरी का एक फीसदी हिस्सा है | सूरज से धरती की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है |
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सारांश
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