Bihar Railway Police: बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने स्टेशन पर मौजूद आसहाय बच्च्चो की भविष्य सवारने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली हैं जिसमे स्टेशन पर मौजूद स्टेशन पर मौजूद कचरा बिनने वाले, लोगों से पैसा मांगने वाले बच्चों को रेलवे पुलिस के तरफ़ से फ्री में शिक्षा दिया जाएगा। मुजफ्फरपुर रेल पुलिस के द्वारा उठाये गए इस कदम की सराहना चारो तरफ हो रही हैं |
रेलवे पुलिस का नेक कदम | Bihar Railway Police
मुजफ्फरपुर रेल पुलिस के द्वारा इसकी शुरुआत कर दी गयी हैं जिसके चलते रेलवे पुलिस की इस नयी और अच्छी पहल के कारण स्टेशन पर मौजूद सभी बच्चो रोजमर्रा की जिंदगी में काफी बदलाव आ गया है। जो भी बच्चे दिन भर इधर-उधर कचरे की बोरी लिए घूमते थे आज वही बच्चे के हाथ मे अब स्कूल बैग देखने को मिलता है।
रेलवे पुलिस के द्वारा स्टेशन के आसपास भटक रहे लावारिस और जरूरतमंद बच्चों की एक लिस्ट तैयार की गई है और लिस्ट में मौजूद नाम के बच्चो को निःशुल्क शिक्षा देने की योजना बन चुकी हैं और इस योजना की शुरुआत भी की जा चुकी हैं | ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अभी तक करीब 2 दर्जन से अधिक बच्चों को रेल पुलिस पाठशाला कार्यक्रम में जोड़ा गया है।
क्या हैं कार्यक्रम का उपदेश
पुलिस पाठशाला कार्यक्रम के तहत शिक्षक के रूप में पुलिस विभाग में मौजूद महिला सिपाहियों,जवानों और विभिन्न श्रेणी के रेलवे पदाधिकारी की क्लास बच्चों के लिए लगाई जाएगी। आप सभी को तो पता ही होगा की आज के समय में शिक्षा हर किसी के लिए कितना जरुरी हो गया हैं लेकिन स्टेशन पर मौजूद असहाय के माता पिता इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं ऐसा इसीलिए क्यूंकि गरीबी के कारण लोग अपने बच्चो का अच्छे तरीके से पालन पोषण नहीं कर पाते हैं और बचपन से अपने बच्चो को इधर उधर भटकने के लिए छोर देते हैं इसकी परेशानी को देखते हुए रेलवे पुलिस ने यह कदम उठाये है |
क्या कहते हैं अधिकारी
रेल एसपी डॉ आशीष कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है असहाय और लावारिस बच्चों को शिक्षा की महत्व बताना और पढ़ाना, जानकारी के लिए आपको बता दे की एसपी साहब न केवल इस कार्यक्रम की निगरानी करते हैं बल्कि खुद अपने खाली समय में बच्चों को पढ़ने आते हैं।
इनके द्वारा पढ़ रहे बच्चों को स्कूली बैग दिया गया है जिसमें किताब पेंसिल कॉपी पेन आदि पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाले सारे महत्वपूर्ण चीजों की पूर्ति की गई है। इस कार्यक्रम में पढ़ रहे हैं सभी बच्चों को कुछ दिन पढ़ाने के बाद स्थानीय सरकारी स्कूलों में नामांकन करा दिया जाएगा।