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Garuda Purana: गरुड़ पुराण क्यों महत्वपूर्ण है ? जाने गरुड़ पुराण की 7 महत्वपूर्ण बातें

Garuda Purana: भारतीय धर्म शास्त्रों के अनुसार, किसी इंसान के जीवन में कई तरह की मान्यताएं और परंपराएं होती है। इसी के विपरीत इंसान की मृत्यु के बाद भी कई तरह की परंपराएं होती है जिन्हें मृतक के परिवार वालों को ध्यानपूर्वक करना होता है। पितृ शांति भी इन्हीं में से एक परंपरा है जिन्हें मृतक के परिवार वालों को अनिवार्य रूप से करना जरूरी है।

इसी वजह से सभी लोगों को गरुड़ पुराण पढ़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसी कई परंपराएं हैं जिसकी वजह से इंसान जीवन में तो दुख पाता ही है बल्कि अपनी मृत्यु के बाद भी दुख प्राप्त होता है। इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए लोगों को गरुण पुराण जरूर पढ़ना चाहिए। कहते हैं कि जो गरुड़ पुराण का पाठ करता है उसे स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। जब हम गरुण पुराण का पाठ करते हैं तो निश्चित रूप से सुख की प्राप्ति होती है और इंसान ‘जन्म मरण’ के बंधन को अच्छे से समझ पाता है।

गरुण पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा 13 दिनों तक उसी घर में निवास करती है। इस दौरान घर में आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ किए जाते हैं और गरुड़ पुराण का पाठ भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस परंपरा को अधूरी छोड़ देता है तो मृतक की आत्मा को शांति प्राप्त नहीं होती है और वह मृत्यु के बाद भी दुख भोगता है।

गरुडपुराण के अंदर हमें भगवान विष्णु के 24 अवतारों का संक्षिप्त वर्णन देखने को मिलता है। साथ ही गरुण पुराण के अंदर ऐसी कई कथाएं हैं जिनके श्रवण मात्र से ही इंसान को सुख शांति का अनुभव होने लगता है। गरुण पुराण के अंदर भगवान विष्णु की उपासना का महत्व भी बताया गया है। इसके अलावा ‘शिव पार्वती’ मंत्र के साथ ही नौ शक्तियों के बारे में जानकारी दी गई है।

गुरु पुराण को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है जिसके पहले भाग में आपको भगवान विष्णु की उपासना का महत्व बताया गया है, वही दूसरे भाग में आपको जन्म मृत्यु के रहस्य के बारे में समझाया गया है जिसमें नर्क और स्वर्ग भी शामिल है। साथ ही इसमें नर्क में मिलने वाली सजा के बारे में भी बताया गया है। कहते हैं कि मनुष्य अपने जीवन में जितने भी पाप करता है उसे उसी के अनुरूप सजा दी जाती है और हर सजा का प्रावधान गरुड़ पुराण के अंदर विस्तृत रूप से समझाया गया है।

अगर सीधे तौर पर कहा जाए तो गरुड़ पुराण के अंदर वह सभी ज्ञान मौजूद है जो आपको जन्म मरण के बंधन से मुक्त करता है और आप को सही राह पर चलने का मतलब समझाता है। इसी के साथ आपको ‘विष्णु की भक्ति’ का महत्व भी इसमें देखने को मिलता है। गरुड़ पुराण को पढ़ने से इंसान को दुख सहने की क्षमता प्राप्त होती है।

गरुड़ पुराण- मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के कल्याण के लिए किए जाने वाले कर्म

शत्रु से कैसे निपटे: गुरु पुराण के अनुसार के अनुसार हमें शत्रु से किस तरह से निपटना चाहिए इसका तरीका बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर आप सतर्क नहीं रहेंगे तो शत्रु जल्दी से आप का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही आपको चतुराई के साथ शत्रु का सामना करना है, वरना आपके व्यापार-पेशे में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपको हमेशा इस तरह से सतर्क रहना है कि आप पहले ही शत्रु के कार्यों का अनुमान लगा सके उसे उसी की कूटनीति द्वारा काबू में कर सके।

धनवान कैसे बने : गरुड़ पुराण में धनवान बनने के भी कई नियम बताए गए हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर आप एक भाग्यशाली और धनवान व्यक्ति बनने की इच्छा रखते हैं तब आपको साफ-सुथरे और सुगंधित वस्त्र जरूर पहनना चाहिए। जो लोग नकारात्मकता और गंदगी में जीवन यापन करते हैं उन्हें जल्दी पशुओं के समान नष्ट होना पड़ता है। इससे घर में दरिद्रता निवास कर जाती है। जो लोग पहले से ही धनवान है और घर में गंदगी रखते हैं, या गंदे वस्त्र पहनते हैं उनका धन बहुत जल्दी उनसे छीन लिया जाता है।

लक्ष्य को हासिल करें : लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको निरंतर अभ्यास करना बहुत जरूरी है। अगर आप किसी चीज का निरंतर अभ्यास करते हैं तब आप उस में महारत हासिल कर सकते है। साथ ही एक दिन बुद्धिमान व्यक्ति बन सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि आपको हमेशा अच्छी ही चीजों का अभ्यास करना है। मान लीजिए कि आप एक विद्यार्थी हैं और नौकरी पाना चाहते हैं तो आप एक नौकर बनने का अभ्यास कर रहे हैं तब आप कभी भी एक व्यापारी आदमी नहीं बन सकते। इसलिए आपको मन और मस्तिष्क के साथ सोच समझकर किसी चीज का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि कई बार हम जीवन में ऐसी चीजों का अभ्यास कर लेते हैं जो हमारे किसी काम की नहीं हे।

स्वस्थ आहार का सेवन करें : भोजन हमें ताकत देता है और रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। आपको आपके जीवन में हमेशा स्वस्थ और शाकाहारी भोजन का सेवन करना चाहिए। अगर आप संतुलित आहार का सेवन नहीं करेंगे तो आप ज्यादा बीमार होंगे। संतुलित आहार से पाचन तंत्र ठीक से कार्य करता है और शरीर की ऊर्जा बनी रहती है।

एकादशी का महत्व : एकादशी व्रत को ग्रंथों में काफी महत्व दिया गया है। गरुड़ पुराण में भी इसके महत्व को काफी अच्छे से समझाया गया है। जो भी व्यक्ति एकादशी व्रत करता है और पाठ करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही उसका दुख भी सुख में परिवर्तित होने लगता है।

तुलसी का महत्व : गरुड़ पुराण के अंदर तुलसी के महत्व को भी काफी अच्छे से समझाया गया है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा का समावेश होता है। घर के बाहर तुलसी का पौधा लगाने से हवा में शुद्धता आने लगती है और घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। अगर आपके जीवन में नकारात्मक कार्य हो रहे हैं तब आपको तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए।

धर्म का अपमान ना करें : गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग धर्म का अपमान करते हैं उन्हें एक ना एक दिन निश्चित तौर पर पछताना पड़ता है। सनातन धर्म में मानवता को ही सबसे बड़ा धर्म बताया गया है। ‘गरुड़ पुराण’ के अनुसार, जो लोग स्थानों को गंदा करते हैं, अच्छे लोगों के साथ धोखा करते हैं या लोगों को नीचा दिखाने के लिए अपशब्द या बुरे शब्दों का सहारा लेते हैं – ‘जो लोग वेद और पुराणों के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं’ उन्हें भी नर्क में भारी यातनाये भोगनी पड़ती है।

जब आप एक बार गरुड़ पुराण का पाठ करेंगे तब आपको मानवता और धर्म से जुड़ी ऐसी कई बातें समझने को मिलेगी जिन्हें आप अपने जीवन में शामिल कर सकते है। भगवान विष्णु कहते हैं कि जो भी मेरे ज्ञान को दूसरों में बांटता है वह मुझे अत्यंत प्रिय हो जाता है। अगर आप भी गरुड़ पुराण का पाठ करते हैं साथ ही दूसरे लोगों को भी सुनाते हैं तब आपको निश्चित रूप से इसका फल प्राप्त हो जाता है।

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